क्या है बीज शोधन
रासायनिक या जैविक दवाओं को पानी में डालकर बीज को उसमें अच्छी तरह धोया जाता है। इसके अलावा जो पाउडर वाली दवाएं होती हैं। उनकी निर्धारित मात्रा मिलाई जाती है। प्रत्येक दवा की निर्धारित मात्रा अलग-अलग होती है।
बीज शोधन के फायदे
=जैविक और प्राकृतिक तरीकों से किए गए बीज शोधन से मिट्टी के लाभदायक जीवाणु जीवित रहते हैं। इससे फसल को लाभ मिलता है।
=कृषि भूमि की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ती है।
=फसल कटने के बाद बचे हिस्से को चारे के रूप में जानवर बड़े चाव से खाते हैं। उनके लिए यह पोष्टिक अहार है।
=जरूरी रसायनों व कीटनाशकों को सोखने की क्षमता बढ़ती है।
= इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है।
जैविक विधि में प्रयुक्त दवाएं
ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोराल, एजोवेक्टर और राइजोबियम, लैग्यूमिनोसोरम आदि में से एक।
रासायनिक विधि में प्रयुक्त दवाएं
शिरम, कार्टेन्डिलज्म, टेबुकोनाजोल, मेटाले थिसाल आदि में से किसी एक दवा का प्रयोग कर सकते हैं।
=: बीज शोधन रोगों से लड़ने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए होता है। इसके लिए किसानों को जानकारों की मदद लेनी चाहिए
रासायनिक या जैविक दवाओं को पानी में डालकर बीज को उसमें अच्छी तरह धोया जाता है। इसके अलावा जो पाउडर वाली दवाएं होती हैं। उनकी निर्धारित मात्रा मिलाई जाती है। प्रत्येक दवा की निर्धारित मात्रा अलग-अलग होती है।
बीज शोधन के फायदे
=जैविक और प्राकृतिक तरीकों से किए गए बीज शोधन से मिट्टी के लाभदायक जीवाणु जीवित रहते हैं। इससे फसल को लाभ मिलता है।
=कृषि भूमि की उर्वरता और उत्पादकता बढ़ती है।
=फसल कटने के बाद बचे हिस्से को चारे के रूप में जानवर बड़े चाव से खाते हैं। उनके लिए यह पोष्टिक अहार है।
=जरूरी रसायनों व कीटनाशकों को सोखने की क्षमता बढ़ती है।
= इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है।
जैविक विधि में प्रयुक्त दवाएं
ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोराल, एजोवेक्टर और राइजोबियम, लैग्यूमिनोसोरम आदि में से एक।
रासायनिक विधि में प्रयुक्त दवाएं
शिरम, कार्टेन्डिलज्म, टेबुकोनाजोल, मेटाले थिसाल आदि में से किसी एक दवा का प्रयोग कर सकते हैं।
=: बीज शोधन रोगों से लड़ने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए होता है। इसके लिए किसानों को जानकारों की मदद लेनी चाहिए
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